Famous Serial Killer
Famous Serial Killer
ठग बेहराम: 18वीं और 19वीं सदी का भारत एक सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक उथल-पुथल का समय था। इसी दौरान अवध क्षेत्र में एक ऐसा नाम उभरा जिसने अपने अपराधों से न केवल भारत बल्कि ब्रिटिश शासन को भी हिला दिया। वह नाम था ठग बेहराम, जिसे इतिहास का सबसे कुख्यात सीरियल किलर और 'ठगों का राजा' कहा जाता है। बेहराम का आतंक इतना गहरा था कि उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है और उसकी क्रूरता की कहानियाँ आज भी लोगों को सिहरन में डाल देती हैं।
आइए जानते हैं इसके पीछे की खौफनाक सच्चाई!
जन्म और प्रारंभिक जीवन जन्म, पृष्ठभूमि और शुरुआती जीवन
ठग पंथ और उनकी गतिविधियाँ ठग पंथ और अवध क्षेत्र में सक्रियता
ठग पंथ (Thuggee Cult) भारत में एक संगठित अपराध गिरोह था जो यात्रियों, व्यापारियों, सैनिकों और तीर्थयात्रियों को अपना शिकार बनाता था। ठगों का मुख्य उद्देश्य लूटपाट और हत्या था और इसके लिए वे अत्यंत सुनियोजित तरीके से काम करते थे। अवध क्षेत्र, जो उस समय व्यापार और तीर्थयात्रा का महत्वपूर्ण केंद्र था, ठगों की गतिविधियों का मुख्य क्षेत्र बन गया। ठग बेहराम इसी गिरोह का प्रमुख था जिसके गिरोह में लगभग 200 सदस्य शामिल थे।
हत्या का तरीका हत्या का तरीका - रुमाल और सिक्का
गिरोह की कार्यशैली अपराधों की भयावहता और गिरोह की कार्यशैली
हत्याओं की संख्या हत्याओं की संख्या और विवाद
ठग बेहराम के नाम पर 931 हत्याओं का आरोप है जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है। हालांकि ईस्ट इंडिया कंपनी के अफसर जेम्स पैटोन की रिपोर्ट के अनुसार बेहराम ने खुद स्वीकार किया था कि वह 931 हत्याओं में 'मौजूद' रहा। लेकिन उसने अपने हाथों से लगभग 125 लोगों की हत्या की थी और 150 अन्य हत्याओं को अपनी आंखों से देखा था। फिर भी उसकी संलिप्तता और गिरोह के नेतृत्व ने उसे इतिहास का सबसे खतरनाक सीरियल किलर बना दिया।
अंग्रेजी राज की प्रतिक्रिया अंग्रेजी राज की प्रतिक्रिया
बेहराम की गिरफ्तारी बेहराम की गिरफ्तारी और कबूलनामे
ठगों का पतन ठगों का पतन और ऐतिहासिक महत्व
ठग बेहराम की विरासत ठग बेहराम की विरासत और सांस्कृतिक प्रभाव
ठग बेहराम की विरासत भारतीय अपराध इतिहास में केवल एक नाम नहीं बल्कि संगठित अपराध और क्रूरता का प्रतीक बन चुकी है। वह 'ठग संस्कृति' का सबसे कुख्यात चेहरा माना जाता है जिसने अपराध को धार्मिक विश्वास, रणनीति और संगठन के साथ जोड़कर एक अलग ही भयावह रूप दे दिया। दिलचस्प बात यह है कि अंग्रेजी में आज प्रचलित 'Thug' शब्द भी हिंदी के 'ठग' से ही लिया गया है। जिसका अर्थ है धोखेबाज़, लुटेरा या हत्यारा। यह शब्द अब अंतरराष्ट्रीय अपराध शब्दावली का हिस्सा बन चुका है।
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